ApnaCg@कलश यात्रा के बाद मां लक्ष्मी के 5 दिनों तक होती रही आराधना,भाई दूज मनाने के पश्चात मां लक्ष्मी को दी गई विदाई
मनमोहन सिंह राजपूत/खैरा@अपना छत्तीसगढ़ – ग्राम पंचायत खैरा स्थित राजीव चौक और लक्ष्मी चौक दैहानपारा में सुख,समृद्धि की कामना के साथ धनतेरस की शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी,सरस्वती और भगवान गणेश की घटस्थापन कर मूर्ति स्थापित किया गया।5 दिन तक पूजा आरती और सेवा जस गीत बाद भाई दूज के दूसरे दिन विसर्जन यात्रा निकाल कर मूर्ति विसर्जन किया गया। प्राचीन सनातन संस्कृति का त्यौहार दीपोत्सव पर धनतेरस के शुभ संध्या में अंधकार पर प्रकाश के विजय को सत्यार्थ करते हुए जगमग दीपक ज्योति के साथ माता लक्ष्मी,सरस्वती और भगवान गणेश की पंचामृत और गंगाजल से नाम करवाकर घटस्थापन की गई।
पारंपरिक मांदर नगाड़ा मंजूरी की धुन पर गाते बजाते हुए कन्याओं के द्वारा कलश यात्रा निकाली गई।शुभ मुहूर्त कलश वस्त्र व आभूषण कुमकुम दीप पुष्प सहित अन्य सामग्री के साथ पूजन करने संकल्प लिया गया। 5 दिनों तक धन,बुद्धि और सफलता की कामना करते हुए मां महालक्ष्मी की सुबह शाम आराधना की गई। संध्या आरती पश्चात प्रतिदिन माता सेवा और झांकी निकाली जा रही थी।जिसे देखने सुनने बड़ी संख्या में भक्तों का आना जाना लगा रहा। पांचवें दिवस आचार्य मनोज दुबे द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ हवन यज्ञ करते हुए बताया कि वेदों में उल्लेख है कि देवताओं को भोजन अग्नि में दी गई आहूति से पहुंचता है। सावन पश्चात नौ कन्याओं का पैर धोकर तिलक,आरती करते हुए नौ कन्या भोज संपन्न किया गया। तत्पश्चात चतुर्वेदी पारंपरिक गाजे बाजे के साथ विसर्जन यात्रा निकाली गईचतुर्वेदी पारंपरिक गाजे-बाजे के साथ विसर्जन यात्रा निकाली गई।जो पूरे गांव की भ्रमण पश्चात ग्राम स्थित तालाब पहुंची जहां विधि-पूर्वक पूजा आरती कर मूर्ति विसर्जन किया गया।आयोजन को सफल बनाने कैलाश चंद्र पोर्ते,रेवाराम पोर्ते, देवराज पोर्ते, अभिमन्यु मरकाम,सरजू प्रसाद पोर्ते,बलराम पोर्ते,कामता प्रसाद आर्मो,शंभु यादव,टीकाकरण जायसवाल, लक्ष्मण सिंह राजपूत,सुमन सिंह राजपूत सहित ग्रामीण भक्तजन जुटे रहे।
भाईदूज पर टीका लगाकर बहनों की लंबी उम्र की कामना – सनातन परंपरा अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर दीपावली पर्व पश्चात भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाने वाला भाईदूज महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।सायंकाल घर के मुख्य द्वार पर चौमुखा दीया रख बहनों ने शुभ मुहूर्त में भाई के माथे पर अक्षत तिलक किया, आरती उतारी, मिठाई खिलाई और दीर्घायु की कामना की।जो पूरे साल यम देवता के भय से मुक्त रखते हुए सुख-सौभाग्य प्रदान करता है।