ApnaCg @कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ
शेखर बैशवाडे @नेवसा – ग्राम पंचायत जाली में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एवं वार्षिक श्राद्ध स्वर्गीय श्रीमती रामदुलारी राजपूत, स्वर्गीय उमेश सिंह राजपूत के नाम पर सप्ताहिक ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ पर पूरे गांव में कलश यात्रा निकाली गई। जहां जगह-जगह कलश यात्रा का फूल बरसा कर स्वागत किया गया। कलश यात्रा में भुवनेश ,राजपूत शालू राजपूत ,मुकेश राजपूत नेहा राजपूत, श्रीमती लक्ष्मी राजपूत ,श्रीमती संजना राजपूत देवी प्रेषक लक्ष्मी बाई राजपूत,आगे चल रहीं थीं। कलश यात्रा जब ज्ञान यज्ञ स्थल पर पहुंची तो कथावाचक बाल व्यास पंडित रवि तिवारी जी वेदांती जी महाराज ने वेद मंत्रों के साथ भागवत स्थल पर कलश स्थापित कराए। पूरा पंडाल श्री कृष्ण एवं श्री राम के जयकारों से गूंज उठा। इसके बाद कथा का शुभारंभ हुआ।
जन्मभूमि से बड़ा कोई तीर्थ नहीं
कथा वाचक महाराज बाल व्यास पंडित रवि तिवारी जी वेदांती ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि राजा परीक्षत ने राजपाट छोड़कर श्रीमद् भागवत कथा सुनी थी। जीवन में कुछ पाने के लिए वैराग्य एवं त्याग की जरूरत पड़ती है। जन्मभूमि से बढ़कर कोई तीर्थ नहीं है इसलिए भागवत कथा राम कथा का आयोजन लोग अपनी जन्म भूमि पर ही कराते हैं जिससे उन्हें दोहरा पुण्य प्राप्त होता है। एक तो गांव के लोगों को भगवान की कथा का सार मिल जाता है तथा दूसरा उनके पुरखे तर जाते हैं। जिस तरह भगवान सत्य है उसी तरह अगर मनुष्य भी सत्य हो जाए तो उसके शरीर की काया भी नहीं बदल सकती है। भगवान श्री कृष्ण जब 20 वर्ष के थे तब उनका स्वरूप वैसे ही था अब हजारों वर्ष के हो गए तभी उनका स्वरूप है वैसे ही है। मानव के शरीर में बचपन युवा एवं बुढ़ापा आता है इसलिए गृह कार्य के साथ हमें भगवान की कथा भी सुननी चाहिए।