ApnaCg @कुपोषण मुक्त बचपन के लिए आंगनबाड़ी में दिया जा रहा अंडा और केला
पथरिया –मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत पथरिया क्षेत्र के दो हजार पांच सौ अनठावन चिन्हांकित कुपोषित बच्चो को कुपोषण के चक्र से बाहर निकलने के लिए मुंगेली कलेक्टर अजीत वसन्त ने विशेष व्यवस्था करते हए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन अंडा या केला खिलाने की शुरुआत की है इसके लिए डीआरएमएफ मद से महिला एवम बाल विकास विभाग को सहायता प्रदान किया जा रहा है ।पथरिया परियोजना के सभी 304 आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रतिदिन भोजन के साथ कुपोषित बच्चों को अंडा या केला खिलाकर निश्चित समयअवधि में सुपोषित करने का लक्ष्य रखा गया है ।ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना को लेकर लोगो मे उत्साह देखने को मिल रहा है ग्राम केवटाढिह की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि घर घर जाकर ग्रामीणों को जागरूक किया गया है वही जो अंडा नही खाना चाहते उन्हें केला दिया जा रहा है जिससे बच्चों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल सके। जिला पंचायत सीईओ रोहित व्यास के निर्देशन में चलाए जा रहे इस योजना के सतत मीटरिंग के लिए ब्लाक के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है ।पथरिया एसडीएम प्रिया गोयल खुद आँगबाड़ी केंद्रों में जाकर योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशानिर्देश दे रही है ।
नियमित वजन का निर्देश
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को कुपोषित बच्चों के नियमित वजन करने का निर्देश विभाग द्वरा जारी किया गया जिससे पोष्ण के स्तर में आ रहे सुधार को मापा जा सके । इसके साथ साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित बच्चों के माताओं को भी घर मे दी जाने वाली पोषणाहार के बारे में प्रशिक्षित कर रही है अमोरा सरपंच डांग सिंह का कहना है कि पहले एक सप्ताह में एक दिन अंडा दिया जा रहा था जिसे प्रतिदिन देने से बच्चों में सुधार जल्दी दिख रहा है उन्होंने अमोरा पंचायत को सुपोषित पंचायत बनाने के अपने संकल्प को पूरा करने में इस योजना को उपयोगी बताया ।
पालकों का भी हो रहा कुपोषण जांच
ग्रामीण महिलाओ का भी वजन नापकर उनके कुपोषण की जांच कर रहे है और उन्हें अपने भोजन में शामिल करने वाले खाद्य पदार्थो की जानकारी दे रहे है । विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों , महिलाओं और किशोरियों को कुपोषण से बचाने के लिए पोषणाहार के प्रति जागरूक करने घर घर संपर्क अभियान चलाया जा रहा है यही कारण है कि अब आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के साथ साथ महिलाओं की भी उपस्थिति पहले से कही ज्यादा देखने को मिल रही है ।