ApnaCg@प्रत्येक विकासखण्ड के दो-दो गोठानों में बनेगा महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क रीपा से गांवों के गोठानों में ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार
बिलासपुर @अपना छत्तीसगढ़ – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप जिले के प्रत्येक विकासखण्ड के दो-दो गोठानों में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) बनाया जा रहा है। ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 16 करोड़ की लागत से जिले में 8 महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना की जा रही है। इनमें बिल्हा विकासखण्ड के धौरामुड़ा, अकलतरी, कोटा विकासखण्ड के कंचनपुर, मंझगांव, मस्तूरी विकासखण्ड के परसदा वेद, बेलटुकरी और तखतपुर विकासखण्ड के गनियारी एवं बेलपान गोठान शामिल है। इनका संचालन महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना से ग्रामीण परिवारों को आजीविका के नये अवसर मिलेंगे। स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिलने से उन्हें आय का अतिरिक्त साधन मिलेगा। ग्रामीण औद्योगिक पार्क में स्थानीय आवश्यकता और बाजार की संभावनाओं के आधार पर विभिन्न प्रकार के उद्यम स्थापित किये जाएंगे। ग्रामीण उद्योग स्थापित करने के लिए इच्छुक हितग्राहियों को शासन की योजनाओें के तहत लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा। गौरतलब है कि जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में दो-दो गोठानों में प्रारंभिक तौर पर रीपा प्रस्तावित है। बिल्हा विकासखण्ड के धौरामुड़ा गोठान में रीपा के तहत बांस शिल्प ईकाई, पोहा उत्पादन ईकाई और मत्स्य सह उत्पाद केंद्र गतिविधि तैयार की जा रही है। इसी प्रकार अकलतरी गोठान में मिनी पशु आहार ईकाई, माईक्रो लेयर पॉल्ट्री ईकाई और चैनलिंक फेंसिंग जैसी गतिविधियां की जाएगी। इसी प्रकार कोटा विकासखण्ड के कंचनपुर गोठान में मिल्क प्रोसेसिंग, मिनी पशु आहार और एचडीपीई, बैग निर्माण की ईकाई प्रस्तावित है। मंझगांव में पोल्ट्री लेयर वर्ड, मशरूम उत्पादन, नमकीन निर्माण ईकाई तैयार की जा रही है। मस्तूरी विकासखण्ड के परसदा वेद गोठान में फ्लाई ऐश ब्रिक्स निर्माण, डिटर्जेंट निर्माण और मशरूम उत्पादन ईकाई प्रस्तावित है। बेलटुकरी गोठान में माइक्रो लेयर पोल्ट्री, बेकरी निर्माण और गारमेंट निर्माण ईकाई तैयार की जा रही है। विकासखण्ड तखतपुर के गनियारी गोठान में टसर रेलिंग यान, गारमेंट निर्माण और रेस्टोरेण्ट ईकाई प्रस्तावित है। बेलपान गोठान में मशरूम उत्पादन, मसाला प्रसंस्करण और फ्लाई ऐश ब्रिक्स उत्पादन प्रस्तावित है। प्रत्येक महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की लागत 2 करोड़ है। इसमें अद्योसंरचना, मशीनरी तथा वर्किंग केपिटल, मार्केटिंग प्रशिक्षण, प्रचार-प्रसार और सलाहकारों की सेवाओं की राशि शामिल है।