ApnaCg@छत्तीसगढ़ राज्योत्सव व धान खरीदी पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष प्रेमचंद जायसी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए राज्य सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपलब्धियों से अवगत कराया
- मस्तुरी@अपना छत्तीसगढ़ – प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष डाक्टर प्रेमचंद जायसी ने बताया कि किसान और खेती छत्तीसगढ़ की असल पूंजी हैं। इनकी बेहतरी और खुशहाली से ही राज्य को समृद्ध और खुशहाल बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्ता संभालते ही खेती-किसानी, गांव और ग्रामीणों को सहेजने का जतन किया। इसी का परिणाम है कि नया छत्तीसगढ़ माडल तेजी से आकार ले रहा है। जिसके चलते मुरझायी खेती लहलहा उठी है और गांव गतिमान हो गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की गांव, गरीब, किसान, व्यापार और उद्योग हितैषी नीतियों से समाज के सभी वर्गों में खुशहाली है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान और तेंदूपत्ता की देश में सबसे अधिक कीमत पर खरीदी, किसानों की कर्ज माफी, सिंचाई कर की माफी, सुराजी गांव योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई जिंदगी मिली है। इसके चलते छत्तीसगढ़ के बाजारों में रौनक बरकरार है। दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार ने जो नया आर्थिक माडल अपनाया है, उसमें ग्रामीण विकास एवं औद्योगिक विकास के माध्यम से आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर सुलभ हुए हैं। धान खरीदी, लघु वनोपज संग्रहण एवं किसानों को मिले प्रोत्साहन के जरिए ग्रामीणों, किसानों एवं संग्राहकों को लगभग 80 हजार करोड रुपए से अधिक की राशि मिली है। सुराजी गांव योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी से ग्रामीण विकास की प्रक्रिया तेज हुई है। राज्य की खुशहाल ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि बीते तीन सालों में न सिर्फ खेती के रकबे में वृद्धि हुई है, बल्कि किसानों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य के किसानों का लगभग 9 हजार करोड़ रुपए का कृषि ऋण माफ कर किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने के साथ ही उन्हें आत्म विश्वास से भर दिया है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, किसानों के ऊपर वर्षों से बकाया सिचाई कर, राज्य के 5 लाख 81 हजार से अधिक किसानों को सिंचाई के लिए निशुल्क एवं रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराकर राहत दी है। किसान बाहुल्य प्रदेश होने के चलते इस बजट में उनके लिए कई घोषणाएं की गई। सीएम बघेल ने बजट भाषण की शुरुआत ही किसानों के लिए घोषणाओं के साथ की। बजट भाषण में घोषणा की गई कि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना में अब हर साल 7000 रुपये मिलेंगे। सीएम बघेल ने बजट भाषण की शुरुआत में ही कहा कि मौजूदा सरकार ने पहले साल में ही 17.96 लाख किसानों का 8744 करोड़ का कर्ज माफ किया है। 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई। इसके अलावा खरीफ 2018 के धान के लिए 15.77 लाख किसानों को 6022 करोड़ की बोनस राशि का भगुतान किया गया। न्याय एवं आर्थिक सुरक्षा दिलाने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना में आगामी वर्ष से वार्षिक सहायता राशि 6000 रुपये से बढ़ाकर 7000 रुपये करने की घोषणा की गई है।गौठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया गया। इन औद्योगिक पार्कों में इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 600 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। बैगा, गुनिया, मांझी आदि आदिवासियों के देवस्थल के हाट पाहार्या एंव बाजा मौहरिया को राज्य शासन की ओर से राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ पहुंचाया राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ अधिकतम 10000 रुपये की आदान सहायता देने की व्यवस्था की गई है। पिछले 2 साल साल में 20 लाख से अधिक किसानों को 10152 करोड़ की सहायता राशि का भुगतान किया गया है। योजना के लिए बजट में 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 5 एचपी तक के कृषि पंपो को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु अनुदान योजना के लिए 2600 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस योजना से 5 लाख किसानों को लाभ मिले
राज्य के प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों हेतु दुर्लभ बीमारियों में उपचार के लिए अधिकतम 20 लाख रूपये तक की विशेष उपचार सहायता प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ इस योजना के माध्यम से ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां इलाज हेतु इतनी बड़ी राशि की सहायता खर्च की जा रही है।गरीब लोग कई कारणों से अस्पताल तक नही पहुंच पाते, जिससे उनका इलाज नहीं हो पाता। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गरीबों की इस पीड़ा को समझा। गरीबों का इलाज करने उनके घर पर ही डॉक्टर पहुंचे ऐसी परिकल्पना उन्होंने की। शहरों में मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन घूम-घूम कर स्लम बस्तियों में निवासरत गरीबों का इलाज कर रहे हैं।
अब गांवों में समुदाय की सहायता से बच्चों को पढ़ाने के लिए ‘पढ़ई तुंहर पारा’ योजना की शुरुआत इंटरनेट के अभाव वाले अंचलों के लिए ‘ब्लूटूथ’ आधारित व्यवस्था ‘बूल्टू के बोल’ का उपयोग.स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास के लिए एक ओर जहां 37 स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों का निर्माण किया जा रहा है वहीं संक्रमण के उपचार के लिए 30 अस्पताल, 3,383 बिस्तर, 517 आईसीयू बिस्तर, 479 वेन्टिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए शहरी क्षेत्रों में ‘मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना’ शुरू की जिसके तहत प्रथम चरण में सभी 14 नगर निगमों में 70 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से चिकित्सक हर जरुरतमंद की चैखट पर पहुंच रहे हैं।। राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना भी शुरू की जो रियायती दरों पर पैथोलॉजी और अन्य जांच सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। भगवान राम दुनिया में अरबों-खरबों लोगों के मन-मंदिर में विराजते हैं। हम कण-कण और रग-रग में उनकी उपस्थिति महसूस करते हैं। उनका छत्तीसगढ़ से गहरा नाता है।
माता कौशल्या का मायका यानी रामजी का ननिहाल छत्तीसगढ़ है। इस नाते भगवान राम हमारी लोक आस्था में ‘भांचा राम’ के रूप में बसे हैं। इसके अलावा वनवास के दौरान राम जी का काफी समय छत्तीसगढ़ में ही बीता। लव-कुश के जन्म और महर्षि वाल्मीकि की छत्र-छाया में उनकी शिक्षा-दीक्षा जैसे अनेक प्रसंगों के साक्ष्य लोक आस्था को आनंदित व गौरवान्वित करते हैं। माता कौशल्या, भगवान राम और उनसे जुड़े विभिन्न प्रसंगों की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिए मुख्यमंत्री बघेल‘कोरिया से सुकमा’ तक ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ’ विकास की योजना बनाई है और उसे शीघ्रता से क्रियान्वित भी कर रहे हैं। चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर परिसर को भव्य स्वरूप देने का कार्य शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनके हितों की रक्षा के लिए मैं घोषणा किया कि राज्य में होने वाली नई नियुक्तियों तथा पदोन्नतियों के लिए गठित की जाने वाली समितियों में महिला प्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
राज्य में बिजली का उत्पादन, उपलब्धता बढ़ाने के लिए कार्य कुशलता में वृद्धि की गई है। वहीं बिजली के उपभोग से रोजगार और खुशहाली में वृद्धि का रास्ता अपनाया है। इसके लिए पारेषण-वितरण तंत्र को मजबूत करने के लिए ‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना’ प्रारंभ की जा रही है।
डाक्टर प्रेमचंद जायसी ने कहा हमारी सरकार किसान हितकारी सरकार कहलाती है। ‘ सुराजी ग्राम योजना के माध्यम से महिला समूह बनाकर महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। अब महिलाएं परिवार में मुखिया की भूमिका अदा कर रहीं है। नरवा योजना के माध्यम से बरसात के पानी को संरक्षित कर खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग किया जा रहा है। वर्मी कंपोस्ट का निर्माण कर स्वयं के खेतों के उपयोग में लाया जा रहा है। जैविक खेती से बंजर होती भूमि की उर्वरा शक्ति को फिर से उपजाऊ बनाया जा रहा है। आज 2 रुपए किलो गोबर से अतिरिक्त आय किसान प्राप्त कर रहें हैं। जिससे रासायनिक खादों पर निर्भरता कम हुई है। घुरवा और बारी ग्रामीण समाज के जीवन का अहम हिस्सा है। इसके माध्यम से गौठानो में पोशक्त तत्वों से भरपूर सब्जियां लगाकर हम ग्रामीण समाज के खाद्य पोषिता की पूर्ति कर पा रहे हैं।राजिव मितान क्लब में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के पढ़े लिखे युवा के अलावा ऐसे युवा जो एंड्रायड फोन चलाते हैं और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म में अपनी सक्रियता दर्शाते हैं,राजिव मितान क्लब के सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के अलावा खेल के क्षेत्र में इनकी सक्रियता व सेवा कार्यों को इस योजना से जोड़ा जा रहा है। सेवा कार्य के बहाने मितान क्लब के सदस्यों के जरिए सत्ताधारी दल के रणनीतिकार ग्रामीणों तक अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं। मितान क्लब के जरिए गांव गांव में सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें ग्रामीणों की सहभागिता को ही अनिवार्य किया गया है। धान खरीदी पर प्रदेश उपाध्यक्ष जायसी ने कहा छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से धान खरीदी का कार्य 1 नवम्बर 2022 से प्रारंभ हो रहा है। यह कार्य 31 जनवरी 2023 तक किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किये जाने के लिए गत वर्ष पंजीकृत किसानों को कैरी फारवर्ड एवं डाटा अद्यतन कर तथा नवीन किसानों का पंजीयन कर धान की खरीदी की जाएगी। किसान पंजीयन का कार्य कृषि विभाग के एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम दिनांक 31 अक्टूबर 2022 तक किया जाएगा। अभी तक 24 लाख 5 हजार 288 हजार किसानों का पंजीयन कैरी फारवर्ड किया गया है और 95 हजार नवीन किसान पंजीकृत हुए हैं। राज्य शासन द्वारा धान खरीदी नीति एवं कस्टम मिलिंग की नीति 21 अक्टूबर 2022 को जारी कर दी गई है, जिसके अनुसार कलेक्टर्स द्वारा जिलों में धान खरीदी एवं निराकरण का कार्य किया जाएगा। खरीफ वर्ष 2022-23 में किसानों से 110 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का अनुमान है जिसके लिए 5.50 लाख गठान बारदाना की आवश्यकता होगी। धान खरीदी के लिए भारत सरकार की नवीन बारदाना नीति अनुसार 50.50 के अनुपात में नये एवं पुराने बारदाने में धान की खरीदी की जावेगी। चावल उपार्जन हेतु आवश्यक 2 लाख 97 हजार गठान में से 2 लाख 37 हजार गठान बारदाने जूट कमिश्नर से क्रय करने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी गई है।