ApnaCg @प्रधानमंत्री का गुजरात में माउमिया धाम विकास परियोजना की आधारशिला रखने के अवसर पर संबोधन

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“भक्तों को इस कार्य में आध्यात्मिक उद्देश्य के साथ-साथ समाज सेवा के उद्देश्य से भी भाग लेना चाहिए”

लोगों को जैविक खेती, नए फसल पैटर्न अपनाने के लिए प्रेरित किया

दिल्ली –प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में उमिया माता धाम मंदिर और मंदिर परिसर में माउमिया धाम विकास परियोजना की आधारशिला रखी।प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना ‘सबका प्रयास’ की धारणा का एक आदर्श उदाहरण है क्योंकि यह शुभ परियोजना सभी के प्रयासों से पूरी होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि भक्तों को आध्यात्मिक उद्देश्य के साथ-साथ समाज सेवा के उद्देश्य से भी इस कार्य में भाग लेना चाहिए क्योंकि लोगों की सेवा करना सबसे बड़ी पूजा है।प्रधानमंत्री ने एकत्र जनसमूह से आग्रह किया कि वह संगठन के सभी पहलुओं में कौशल विकास के तत्व को शामिल करे। “पुराने समय में, परिवार की संरचना इस प्रकार होती थी कि हुनर विरासत के रूप में अगली पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा, अब सामाजिक ताना-बाना बहुत बदल गया है,इसलिए हमें इसके लिए आवश्यक तंत्र स्थापित करके ऐसा करना होगा।”श्री मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के दौरान उंझा की अपनी यात्रा को याद किया। उस यात्रा के दौरान उन्होंने जोर देकर कहा था कि महिला जन्म दर में भारी गिरावट एक कलंक है। उन्होंने चुनौती स्वीकार करने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया और धीरे-धीरे एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई जहां लड़कियों की संख्या लगभग लड़कों के बराबर हो गई है। इसी तरह, उन्होंने माउमिया के आशीर्वाद और क्षेत्र में पानी की स्थिति से निपटने में भक्तों की भागीदारी को याद किया। उन्होंने ड्रिप सिंचाई प्रणाली को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए उनका धन्यवाद किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर मा उमिया आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं, तो हमारी भूमि हमारा जीवन है। उन्होंने क्षेत्र में मृदा स्वास्थ्य कार्ड को अपनाने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने उत्तर गुजरात क्षेत्र में लोगों से जैविक खेती की तरफ बढ़ने को कहा। जैविक खेती को जीरो बजट खेती भी कहा जा सकता है। “ठीक है, अगर आपको मेरा अनुरोध उपयुक्त नहीं लगता है, तो मैं एक विकल्प सुझाऊंगा। यदि आपके पास 2 एकड़ कृषि भूमि है, तो कम से कम 1 एकड़ में जैविक खेती करने का प्रयास करें और शेष 1 एकड़ में हमेशा की तरह खेती करें। एक और वर्ष यही कोशिश करें। अगर आपको यह फायदेमंद लगता है, तो आप पूरे 2 एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर सकते हैं। उन्‍होंने आग्रह किया कि इससे खर्च की बचत होगी और परिणामस्वरूप हमारी भूमि का कायाकल्प होगा”। उन्होंने 16 दिसंबर को जैविक खेती पर कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उन्हें आमंत्रित किया और उनसे नए फसल पैटर्न और फसलों को अपनाने का अनुरोध किया।

Happy Independence Day

अपना छत्तीसगढ़ / अक्षय लहरे / संपादक
Author: अपना छत्तीसगढ़ / अक्षय लहरे / संपादक

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