ApnaCg @टेसू-पलाश के फूलों ने जंगल की बढ़ाई खूबसूरती
नेवसा – शीत ऋतु की विदाई व गर्मी की दस्तक के साथ प्राकृतिक सौंदर्य में टेसू के फूल लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करने लगते हैं। पतझड़ में झड़ चुके पत्तों के बाद पेड़ों की डालियों में केवल केसरिया रंग के फूल ही दिखाई देते हैं। यह फूल कुदरती सुंदरता को बढ़ा रहें है। टेसू के इन्ही फूलों से परम्परागत रंग तैयार कर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में होली खेली जाती है। पलाश के हरे पेड़ो पर रक्तवणी फूल और कलियां प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा रहें है। बसंत का आगाज होने के साथ ही पलाश के फूल जंगलो में शोभा बढ़ाते नजर आते है। फाल्गुन के आगमन के साथ आदिवासी बहुल लिम्हा क्षेत्र समेत आस-पास के जगलों में केसरिया रंग के ये फूल शोभा बढ़ाते जो शीत ऋतु की विदाई का संकेत देते है। खेत खलिहानों के पारो में टेसू के फूल ऐसे लगते है मानो जंगल में आग लग रही है इसके पेड़ को टेसू, पलाश, खांखरा के नाम से जाने जाते है। पहले खाखरे के पेड़ गांवो में भी हुआ करते थे, लेकिन अवैध कटाई के कारण अब धीरे-धीरे यह समाप्त होने लगे है। मार्च से अप्रेल तक इन फूलों की रंगत बिखरती है। कई पेड़ तो फूलों से लदे नजर आते है अभी कहीं जगह पेड़ो में कलियां नजर आ रही है तो कहीं ये पेड़ फूलों से सजे है वर्तमान समय का बदलाव यही सब बता रहा है स्वेटर कंबल रजाई की विदाई होने लगी है और हल्के कपड़े एवं चदरिया भाने लगी है ठंड का रंग अब फीका पड़ने लगा है और अब धीरे धीरे मौसम का मिजाज बदलने लगा