ApnaCg@जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ईमान की उड़ा रहे धज्जियां, अवैध तरीके से बनाया है करोड़ों का आशियाना
गणेश तिवारी/कांकेर@अपना छत्तीसगढ़ न्यूज – जिले में वसूली अभियान चलाकर झोलाछाप डॉक्टरों से बीएमओ के माध्यम से जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जे एल उयके कर रहे अवैध वसूली, अवैध पैसों से जैसाकर्रा में बिल्डिंग व साल्हेटोला में भी बना है करोड़ों का महल जैसा फार्म हाउस, अय्याशी का है अड्डा।
गणेश तिवारी भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, अखिल भारतीय मतदाता जागृति मंच राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता ने लगाया जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पर गंभीर आरोप
भर्ती प्रक्रिया में भी बड़ी गड़बड़ी का है मामला मेरिट लिस्ट में शामिल नाम को हटाकर किया अपात्र का नाम दर्ज।
विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत आयोजित भर्ती में अभ्यार्थी सरिता जैन पिता मत्तूराम जैन ग्राम कर्म विकासखंड नरहरपुर जिला उत्तर बस्तर कांकेर छत्तीसगढ़ के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र एवं अन्य दस्तावेज के सत्यापन हेतु पत्र भेजा गया था अभ्यार्थी द्वारा सारे दस्तावेज वह मूल शैक्षणिक के साथ छाया प्रति भी सत्यापन के लिए जमा किया गया लेकिन उन्हें पात्र से अपात्र घोषित कर सूची से नाम हटा दिया गया।
पहले भी कर चुके है ऐसे कई कारनामे
मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कांकेर विभाग में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती में विभाग ने पहले सूची में जारी अपात्र उम्मीदवार को पात्र किए जाने की शिकायत पात्र उम्मीदवारों ने जिला कलेक्टर से पहले भी की जा चुकी है जिसमें उषा वाल्मिकी पिता आंनद राम निवासी ग्राम हाराडुला ने शिकायत करते हुए बताया कि विशेष कनिष्ठ कर्मचारी बोर्ड बस्तर के माध्यम से कार्यालय मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कांकेर के लिए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदो के लिए लता कोर्राम पिता हरीराम कोर्राम, हरिचंद कोर्राम पिता सेवक राम, तृतीय राजेश कुमार पिता दुख सिंह व उषा पिता आंनदराम चारों का नाम दर्ज था, सत्यापन के लिए बुलाया गया जिसमें प्रथम सूची में लता कोर्राम को अपात्र बताकर द्वितीय सूची पुनः प्रकाशित कर पात्र घोषित कर दिया गया। दो से ज्यादा संतान शासकीय सेवा मे आने के पहले है तो छग सिविल सेवा की शर्त 1961 के नियम छह के अनुसार अपात्र होना था लेकिन पात्र सूची में शामिल होना अधिकारी के मिलीभगत को दर्शाता है जिसकी जांच के लिए प्रार्थी ने जांच की मांग भी की थी।
ऐसे भ्रष्टाचार का केंद्र बना कर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कर रहे लाखों की कमाई, भर्ती के लिए लाखों की लेनदेन की आशंका।
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एक प्रतिष्ठित पद है जिसका दुरुपयोग कर जे एल उयके ने सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और इस पद का पैसा कमाने की मशीन के रूप में उपयोग किया है। भ्रष्टाचार को ऐसे बढ़ावा देने वाले अधिकारी का इस प्रकार का कार्य अशोभनीय है साथ ही पूरे विभाग को धूमिल कर देने वाला है।
अब देखना यह है कि इस पर कार्यवाही कब तक होती है? या फिर अधिकारियों की मिलीभगत से इसे भी दरकिनार कर दिया जाएगा।