ApnaCg@गरीब की जमीन छीनकर खड़ा किया जा रहा है सरकारी योजना का महल, किसान सभा ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, गरीब किसान की बेदखली पर रोक लगाने की मांग

0

कोरबा@अपना छत्तीसगढ़ – जहां एक ओर राज्य सरकार गरीबों को जमीन देने और वनाधिकार के क्रियान्वयन का दावा करती है, वहीं इस दावे की पूरे प्रदेश में किस तरह धज्जियां उड़ाई जाती है, इसका एक उदाहरण कोरबा जिले के पाली तहसील के अंतर्गत बसीबार ग्राम पंचायत में देखने को मिला है। इस पंचायत में गोठान के निर्माण के लिए पीढ़ियों से वन भूमि पर काबिज एक परिवार को बेदखली का नोटिस थमा दिया है।

इस पूरे मामले को छत्तीसगढ़ किसान सभा ने उजागर किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पंचायत में वन भूमि के 3 एकड़ के एक टुकड़े पर एक किसान समार साय पिता – घसिया चार पीढ़ियों से काबिज है और वहीं पर घर बनाकर निवास कर रहा है। बच्चों सहित उसके परिवार में 21 सदस्य हैं। उसका संबंध वनों में निवास करने वाले परंपरागत समुदाय से है। कायदे से उसे अभी तक वनाधिकार कानून के अंतर्गत पट्टा मिल जाना चाहिए था, लेकिन कई बार आवेदन देने के बाद भी नतीजा शून्य है। इन आवेदनों की उसे आज तक पावती भी नहीं दी गई है।

पंचायत ने अब इसी जमीन पर गोठान बनाने की ठान ली है और उसने समार साय को बेदखली का नोटिस थमा दिया है। अपनी ताकत दिखाने के लिए इस पंचायत के सरपंच ने उसके खेत में धान और हिरवा दाल की खड़ी फसल भी रौंदवा दी है, जिससे समार साय को हजारों का नुकसान पहुंचा है। मृतकों की समाधियों को भी तोड़ दिया गया है।

किसान सभा के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि वन भूमि पर काबिज किसी भी किसान को बेदखल करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है और इस कारण से ग्राम पंचायत बसीबार की यह नोटिस पूरी तरह से गैर-कानूनी है। इसके साथ ही खड़ी फसल को उजाड़ना और मृत व्यक्ति की समाधि के साथ भी छेड़ छाड़ करना आपराधिक कार्य है।

किसान सभा ने इस संबंध में आज ही एक ज्ञापन जिलाधीश को सौंपा है और ग्राम पंचायत की गैर-कानूनी हरकतों पर रोक लगाने की तथा समार साय की खेती-किसानी को हुए नुकसान की भरपाई करने और उसे वन भूमि का पट्टा देने की मांग की है। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने इस मुद्दे पर प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

Happy Independence Day

अपना छत्तीसगढ़ / अक्षय लहरे / संपादक
Author: अपना छत्तीसगढ़ / अक्षय लहरे / संपादक

The news related to the news engaged in the Apna Chhattisgarh web portal is related to the news correspondents. The editor does not necessarily agree with these reports. The correspondent himself will be responsible for the news.

Leave a Reply

You may have missed

error: Content is protected !!