ApnaCg@मानसिक रूप से अस्वस्थ था किशोर:माता-पिता की हत्या करने वाले किशोर ने मेंटल हॉस्पिटल में फांसी लगाई, पहले भी की थी कोशिश
रुपचंद राय@(अपना छत्तीसगढ़) – माता-पिता की हत्या के आरोपी किशोर ने शुक्रवार को मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी में फांसी लगा ली। माता-पिता की हत्या के आरोपी किशोर ने शुक्रवार को मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी में फांसी लगा ली।
माता-पिता की हत्या के आरोपी किशोर ने शुक्रवार को मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी में फांसी लगा ली। उसने एक दिन पहले सीढ़ी से कूदकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी। मूल रूप से सरगुजा जिले के उदयपुर क्षेत्र के ग्राम खोंधला निवासी 17 वर्ष के किशोर को 7 मई 2022 को इलाज के लिए मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी में भर्ती कराया गया था। उसे अंबिकापुर के बाल संप्रेक्षण गृह से यहां लाकर भर्ती कराया गया था। वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था।
गुरुवार की रात को मेंटल हॉस्पिटल में था। शुक्रवार की तड़के वह कमरे से बाहर निकलकर बाथरूम गया। यहां लगे लोहे के चौखट पर टॉवेल बांधकर खुदकुशी कर ली। कुछ देर बाद प्रबंधन को पता चला तो कोनी पुलिस को सूचना दी। कोनी पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को सिम्स मरच्यूरी में भेज दिया। परिजनों को सूचना देने पर उसका भाई व जीजा पहुंचे। शनिवार को कार्यपालिक दंडाधिकारी की मौजूदगी में पोस्टमार्टम होगा।
अंबिकापुर में भी दूसरे बच्चों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर चुका था:
किशोर को अंबिकापुर बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया था। मां बाप की हत्या करने के बाद उसे यहां लाया गया तो उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। यहां वह दूसरे बच्चों पर भी हमला कर दिया था और खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी।
काउंसलिंग में बोला था-खुदकुशी करेगा
अंबिकापुर के बाल संप्रेक्षण गृह में उसकी काउंसलिंग हुई थी, इसमें उसने कहा था कि वह मर जाएगा। बार-बार खुदकुशी करने की बात करता था। इससे उसे स्टेट मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी भेज दिया गया था। उसकी मानसिक स्थिति के बारे में पता होने के बाद भी हॉस्पिटल प्रबंधन ने उसपर ध्यान नहीं दिया।
हत्या कर गड़ा दी थी लाश
3 मार्च 2022 को किशोर ने अपने पिता व की हत्या कर दी थी और घर में ही गड्ढा खोदकर उनके शवों को जमीन में गड़ा दिया था। पांच दिन उसने खुद इसकी जानकारी उदयपुर थाना में दी। इसके बाद पुलिस पहुंची और शव को जमीन से खोद कर बाहर निकलवाया।
साथ में अटेंडेंट था, इसलिए बाथरूम को चुना: अधीक्षक
मेंटल हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. बीआर नंदा के अनुसार किशोर जब से आया था तब से मरने की बात कहता था। उसे अलग कमरे में रखा गया था और देखरेख के लिए एक अटेंडेंट की नियुक्ति की गई थी। उसपर हमेशा नजर रहती थी। बाथरूम के भीतर जाकर उसने खुदकुशी की इसलिए कोई देख नहीं पाया। एक दिन पहले उसने खाना खाया फिर डॉक्टर ने उसे अपने साथ इधर-उधर घुमाया और समझाया भी था।