ApnaCg @डी-लिस्टिंग के लिए जनजाति समाज हुआ एकजुट
जितेंद्र पाठक@लोरमी(अपना छत्तीसगढ़) – जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वाधान में डी लिस्टिंग के संबंध में जनजाति समुदाय से धर्मांतरित हो चुके लोगों को भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए इस बात पर सहमति बनी। डी -लिस्टिंग के विषय पर अपनी बात रखते हूए वनवासी विकास समिति छत्तीसगढ़ के प्रान्त संगठन मंत्री तुलसी राम ने कहा कि स्व. कार्तिक उराव ने सर्वप्रथम सन 1966 में सदन में डी लिस्टिंग का मुद्दा उठाया और तब से लेकर अब तक जनजाति समाज इसको प्रमुखता से मांग करता रहा हैं। मुंगेली जिला के जनजाति समाज के लोगों के बीच संस्कृति व परम्परा के संरक्षण हेतु जनजाति सुरक्षा मंच के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ता एकजुट हुए। जिसमें डी लिस्टिंग के सम्बंध व अन्य कार्ययोजना के विषय में वक्ताओं ने सारगर्भित उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि कार्तिक उरांव जी के द्वारा सर्वप्रथम डी लिस्टिंग की मांग की गई, ताकि जनजाति समाज के लोगों का कल्याण हो सके।जनजाति समाज अपनी विशिष्ट पहचान व देव स्थल गुड़ी के पूजन व प्रकृति प्रेम पर आधारित जीवन जीतें है,लेकिन कुछ लोग समाज की रीति नीति को छोड़कर अन्य धर्मों में चले जाते हैं और बहुतायत जनजाति समाज का शोषण कर रहे हैं। जल जंगल जमीन और आरक्षण का हक मार रहे है,साथ ही अल्पसंख्यक व जनजाति होने का दोहरा लाभ उठा रहे हैं। धर्मांतरित हो चुके तथाकथित लोग वास्तविक जनजातियों के संस्कृति और परम्पराओं को नष्ट करने का घृणित कुत्सित प्रयास करते हैं जो निंदनीय है और जनजाति समाज को खत्म करने का षडयंत्र भी जान पड़ता है। 80% जनजाति को लाभ न मिलकर केवल 20% तथाकथित धर्मांतरित लोग आरक्षण एवं पदोन्नति का लाभ उठा रहे हैं, और बाकी लोगों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। गांव गांव में सामाजिक समरसता और एकजुटता को षड्यंत्र पूर्वक इनके द्वारा नुकसान पहुँचाया जा रहा है। मुंगेली जिला के तीनों विकासखण्ड के सभी जनजाति लोगों को बैठक में आह्वान करते हुए वक्ताओं ने संगठित होकर कार्य करने की बात दोहराई है। वक्ताओं में प्रमुख रूप से जगसिंह ध्रुव, झुनाराम, अकत ध्रुव, प्रभात ध्रुव, ज्ञानी ध्रुव, राम कलम ध्रुव, महिला शक्ति के रूप में केसर सिंह। करन मरावी, नरेंद्र मरावी, भागीरथी ध्रुव, लल्ला प्रधान, रमेश ध्रुवे वहीं अन्य समाज से अशोक तिवारी, नरेश अग्रवाल, धनेश साहू, विभाग सँगठन मंत्री महेश कोल, नीतीश साहू ने बैठक में अपनी बात रखी।